एक बाबा किसी महफ़िल में गए तो वहाँ सब उनका मजाक़ उड़ाने लगे।
बाबा ने कहा, "देखो हम फ़क़ीर लोग हैं हमारा मजाक़ ना उडाएं।"
लोग फिर भी न हटे और ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगे।
अचानक उन सब लोगों को दिखना बंद हो गया।
वो सब बाबा के क़दमो में गिर गए और प्रार्थना करने लगे, "बाबा जी हमें माफ़ कर दो।"
बाबा ने अपना जूता उतारा और सबको एक एक मारा और बोले,
"कमीनों लाइट चली गई है। कोई जनरेटर चालू करो मुझे भी नहीं दिखाई दे रहा।"
बाबा ने कहा, "देखो हम फ़क़ीर लोग हैं हमारा मजाक़ ना उडाएं।"
लोग फिर भी न हटे और ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगे।
अचानक उन सब लोगों को दिखना बंद हो गया।
वो सब बाबा के क़दमो में गिर गए और प्रार्थना करने लगे, "बाबा जी हमें माफ़ कर दो।"
बाबा ने अपना जूता उतारा और सबको एक एक मारा और बोले,
"कमीनों लाइट चली गई है। कोई जनरेटर चालू करो मुझे भी नहीं दिखाई दे रहा।"
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